[Hindi] - Urvi

[Hindi] - Urvi

Written by:
Rajeev Kumar Dubey
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Unabridged Audiobook

Ratings
Book
Narrator
Release Date
June 2024
Duration
1 hour 37 minutes
Summary
इस ऑडियोबुक को डिजिटल वॉइस में रिकॉर्ड किया गया है.

उर्वी' लेखक की प्रथम काव्य-चयनिका है। इस संग्रह की कविताओं में आध्यात्मिक उत्कर्ष, सार्वभौम एकात्मता, विश्व-भ्रातृत्व, विश्व-शांति, राष्ट्र के प्रति अनन्य समर्पण, भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान के लिए प्रेरणा, नारी–सशक्तिकरण और निसर्ग-प्रेम का अपूर्व एवं दुर्लभ समायोजन दृष्टिगोचर होता है, जो अत्यंत सहजता से किसी भी पाठक के हृदय पर अपना अमित संकेत छोड़ जाने में सक्षम हैI “कलम नहीं गिरवी रखता” कहकर कवि ने जहाँ यथार्थ की अभिव्यक्ति के प्रति अपनी प्रबल समर्पणता का शंख फूँक दिया है, वहीं “मुझको कवि समझे मत कोई। मैं लेखनी, अन्तस् की पीड़ा, एकाकी युग-युग से रोयी।” कहकर उसने विद्यमान इतिहास और वर्तमान की पीड़ा को अनावरित किया है। मानव द्वारा मानव का शोषण, निर्धनता, दुर्भिक्ष, कुपोषण, भ्रूण-हत्या, नारी उत्पीड़न, राजनीति का अवमूल्यन, पर्यावरण प्रदूषण, धर्म-नीति-अध्यात्म का क्षरण आदि समस्याओं को उजागर कर उसने वर्तमान समाज को सोचने हेतु विवश कर दिया है। बिम्ब विधान का पोषण करती रचनाएँ पक्षियों के माध्यम से, ऋतुओं के माध्यम से मानव को जाग्रत करने में पूर्ण रीति सक्षम हैं। इस काव्य-संग्रह की रचनाएँ पाठकों का न केवल संपूर्ण मनोरंजन करती हैं, अपितु ज्ञान-विज्ञान, धर्म-इतिहास व यथार्थ-आदर्श से अवगत कराते हुए सत्पथ पर अग्रसर होने हेतु प्रेरित भी करती हैं।
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